Madhu's world: प्रेम अभिव्यक्ति..... l

9/22/2011

प्रेम अभिव्यक्ति.....

आज
मेरा हिर्दये
तुम्हें कुछ देने पर उमड़ा है ,
आओ कि
आज मैं,
वृक्षों के तने पर ,
गोद दूं नाम तुम्हारा
तुम्हारी हथेली पर ,
चाँद की किरने बिछा दूं,
सूरज दहका दूं
तुम्हारे माथे पर,
अपनी बची हुई
साँसों का हार,
डाल दूं तुम्हारे गले में ,
और एक झलक दिखा दूं,
तुम्हें
अपने भीतर के उस आकाश की,
जो तुम्हारे बाहर के
आकाश से
कहीं बड़ा ,कही अधिक विस्तृत है ,
आओ कि मैं छुपा लू
तुम्हें
छोरों की परिधि से
मुक्त,
अपनी उस दुनिया में,
जहाँ अभी तक,
जीवन,म्रत्यु की
कोई
पहुँच नहीं है,
आओ
कि मैं
धर लूं तुम्हें
अपने भीतर
उफ़....
आओ कि
आज
मैं
जी लूं तुम्हारे भीतर .....मधु

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