पत्नी .......
एक ही दिन,
एक ही नक्षत्र में ,
एक ही मंडप के तले,
सामान मन्त्रों के उच्चारण के साथ,
वरा था हम दोनों ने ,
एक दूसरे को ,
जन्मजन्मान्तर के लिए,
और की थी प्रतिज्ञा ,
दुःख सुख में सदा साथ निभाने की,
मिलजुल कर जीने की,
एक दूसरे से कभी कुछ ना छिपाने की,
मैं ..
डरी सी , सहमी सी, शरमाई सी ,
भरती रही अपने आँचल में ,
वो सब बातें,
सोचती थी ,
अपने आँचल की इस गठरी के साथ,
संभाल लूगी अपनी गृहस्थी ,
पा लूंगी तुम्हार प्यार,
बन पाउंगी सब की प्रिया,
पर मैं नादान, मूर्खा,
कभी सोच ही नहीं पायी ,
तुम्हारी गठरी कहाँ है ?
क्या धर्म, परम्पराएं, , रीति ,रिवाज
सब मेरे लिए हैं ?
तब तुम्हारी गठरी में क्या है ?
मैं जान ही नहीं पायी कि...
एक बंधन में बंध कर भी ,
हमारा धर्म,
हमारी परम्पराएं,
रीति ,रिवाज ,
नहीं हैं सामान ,
क्योंकि तुम हर नियम धर्म से परे थे,
तुम एक पुरुष थे
और जीवन कि इस बगिया से ,
बहुत आसानी से चुन लिए तुमने सभी गुलाब ,
मैं ,
एक पत्नी,
बैठी रह गयी काँटों कि चुभन से व्याकुल,
इस इन्तजार में
शायद तुम मेरी पीड़ा समझोगे,
एकदिन ...
बाँटोगे मेरा दुःख मेरे साथ,
चुन लोगे सब कांटे
लेकिन ..
ऐसा कभी हो ना पाया ...
तुम्हारे पास समय नहीं था,
अनुभूति बंट चुकी थी तुम्हारी ,
खुली आँखों में तुम्हारी,
उतर आये थे सपने अनेक,
और उन सपनों में ,
मैं कहीं नहीं थी,
फ़ैल चुकी थी तुम्हारी दुनिया बहुत दूर तक,
और मैं...
वहीँ कि वहीँ थी ,
कलेजे से अपनी गठरी लगाए ,
रह गयी बहुत पीछे कहीं ,
जहाँ पर तुम्हारी नज़र ही नहीं पहुच पायी कभी ,
आज उम्र के इस दौर पर आकर
मैं समझ पायी हूँ कि ...
तुम ने बस लेना ही जाना ,
और लेने में भोगा है देने का सुख ,
मैंने बस देना ही जाना ,
और देने में भोगा है लेने का सुख,
क्योंकि मैं एक पत्नी थी ....मधु
Labels: पत्नी.....
8 Comments:
क्या बात है,कितनी खूबसुरती से लिखा है आपने।बहुत ही उम्दा रचना है।मै भी कविता लिखता हूँ।मेरा ब्लाग हैःः"काव्य कल्पना"...आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे।लिंक हैःःhttp://satyamshivam95.blogspot.com/
बहुत अच्छी और मार्मिक रचना|
sundar kavita...
अति सुन्दर ...
पुरुष प्रधान समाज में नारी की नियति और अंतर्व्यथा का सशक्त ,मार्मिक चित्रण। शुभकामनाएं!
इस नए और सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
मन के अन्तर्द्वद को बहुत खूबसुरती से आपने शब्दों में पिरोया है । अपनी कलम को चलते रहने दीजिये । मोती बिखरते चले जाएँगे ।
शेष तो इस ब्लागजगत में आपका स्वागत है. शुभकामना है कि आपका ये प्रयास सफलता के नित नये कीर्तिमान स्थापित करे । धन्यवाद...
आप मेरे ब्लाग पर भी पधारें व अपने अमूल्य सुझावों से मेरा मार्गदर्शऩ व उत्साहवर्द्धऩ करें, ऐसी कामना है । मेरे ब्लाग जो अभी आपके देखने में न आ पाये होंगे अतः उनका URL मैं नीचे दे रहा हूँ । जब भी आपको समय मिल सके आप यहाँ अवश्य विजीट करें-
http://jindagikerang.blogspot.com/ जिन्दगी के रंग.
http://swasthya-sukh.blogspot.com/ स्वास्थ्य-सुख.
http://najariya.blogspot.com/ नजरिया.
और एक निवेदन भी ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आवे तो कृपया उसे अपना समर्थन भी अवश्य प्रदान करें. पुनः धन्यवाद सहित...
" भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप, आपके परिवार तथा इष्टमित्रो को होली की हार्दिक शुभकामना. यह मंच आपका स्वागत करता है, आप अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
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